Friday, 18 December 2020

पाठ- 8 प्रेरणा

0 comments

पाठ- 8 प्रेरणा












1). 
इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्य में लिखिए:-

1. 
लड़के और उसकी बहन का क्या नाम था?


1. उत्तरलड़के का नाम मनीष और उसकी बहन का नाम सीमा था l




2. 
मनीष क्या बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था ?
2. उत्तरमनीष गुब्बारे बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था l


3.  गुब्बारे बेचने के पीछे मनीष ने अपनी क्या विवशता बतायी?

3. उत्तरगुब्बारे बेचने के पीछे मनीष ने अपनी विवशता जेबथाई के उसके पिताजी नहीं है और वह गुब्बारे बेचकर अपने मां और अपने बहन का पेट भरता है l


4. ' पढ़ोगे ' पूछने पर उसने क्या उत्तर दिया?


4. उत्तर:  'पढ़ोगे' पूछने पर उसने ना का उत्तर दिया l


5.  बच्चों को किस संस्था के अंतर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया?


5. उत्तर:   बच्चों को प्रेरणा सहायता सोसायटी के अंतर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया l


6.  मनीष और सीमा क्या बनना चाहते थे?

6. उत्तर:   मनीष पुलिस इंस्पेक्टर और सीमा मैडम बनना चाहते थे l



2). 
इन प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्यों में लिखें:-

1. 
लेखिका ने बच्चों को पढ़ाई का क्या महत्व समझाया?


1. उत्तर:   लेखिका ने बच्चों को पढ़ाई का महत्व समझाया कि अगर वह नहीं पढ़ेंगे तो बचपन, फिर जवानी, फिर बुढ़ापा इसी तरह वक्त निकल जाएगा l नौकरी, एक घर, अच्छे कपड़े, यह बस केवल पढ़- लिख कर ही संभव हो सकता हैl


2. 
मनीष का चरित्र चित्रण करें?


2.
उत्तर:   मनीष एक मेहनती लड़का था l उसके पिताजी का देहांत हो गया था और वह अपने घर को चलाने के लिए सड़क पर गुब्बारे बेचता थामनीष का सपना था कि वह पढ़ लिखकर पुलिस इंस्पेक्टर बनेलेकिन उसके इलावा कोई भी कमाने वाला नहीं था इसीलिए वह अपने सपनों को दबाकर अपनी बहन और  मां का पेट भरने के लिए गुब्बारे बेचता था l

 


3.  '
भीख मांगना अपराध है | '

    '
सपने देखो और उन्हें सच करके दिखाओ | '

   ' 
शिक्षा ही वह सीढ़ी है जिस पर चढ़कर मंज़िल पाई जा सकती है | '

   
इन तीनों सूत्र वाक्यों पर अपने विचार लिखें |

 

उत्तर:  हां भीख मांगना अपराध हैl क्योंकि भीख मांगने से हम दूसरों की दया पर निर्भर करते हैंl हम अपनी मेहनत को पीछे छोड़कर, दूसरों की दया से मिलने वाले धन या  भोजन पर ही अपना जीवन गुजार देते हैंl यह किसी अपराध से कम नहीं हैl

 

अगले सूत्र में कहा गया है कि सपने देखो और उन्हें सच करके दिखाओl संसार में किसी भी मनुष्य ने अगर कोई आविष्कार किया है,अविष्कार से पहले वह उसका सपना था l जिसको उसने सच करने के लिए मेहनत कीl कही बार असफल भी हुआl फिर भी उसने अपना सपना सच करके दिखायाl इसी प्रकार हमें भी सपने देखने चाहिए उनके आज करनी चाहिए और यदि असफल हो जाए फिर भी हारना नहीं चाहिएl बल्कि प्रयासरत रहना चाहिएl

 

शिक्षा ही ऐसा साधन है जो गरीब- अमीर, रंग, जाति किसी भी भेद को नहीं मानतीl कोई भी व्यक्ति जो कड़े परीक्षम के लिए तैयार  है, वह शिक्षा को साधन बना कर कोई भी मंजिल हासिल कर सकता है और अपना सपना पूरा कर सकता हैl