पाठ – 2 पिंजरे का शेर
(एक दो वाक्य वाले उत्तर)
प्रश्न (क) -
महापद्मनंद के दरबार में किस देश के दूत आए थे?
उत्तर -
महापद्मनंद के दरबार में रोम देश के दूत आए थे।
प्रश्न (ख) - रूम के राजदूत मगध के सम्राट के लिए क्या लाए?
उत्तर -
रूम के राजदूत मगध के सम्राट के लिए एक बहुमूल्य उपहार
के रूप में एक पिंजरा लाए जिसमें एक शेर बंद था।
प्रश्न (ग) - सम्राट महापद्मनंद के मंत्री का क्या नाम था?
उत्तर -
सम्राट महापद्मनंद के मंत्री का नाम शकटार था।
प्रश्न (घ) - शेर किस धातु का बना हुआ था?
उत्तर -
शेर सीसा धातु का बना हुआ था।
प्रश्न (ड.)- शेर को पिंजरे से निकालने वाला किशोर बड़ा होकर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर -
शेर को पिंजरे से निकालने वाला किशोर बड़ा होकर चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
प्रश्न (च) - पिंजरा किस धातु का बना था?
उत्तर -
पिंजरा लोहा धातु का बना था।
(चार पाँच वाक्यों वाले उत्तर)
प्रश्न (क) - रोम के राजदूत ने पिंजरे के शेर को बाहर निकालने की क्या शर्तें बतायीं?
उत्तर - रोम के राजदूत ने पिंजरे के शेर को बाहर निकालने की शर्तें बतायीं कि पिंजरे को ना तो खोलना है और ना ही काटना है। पिंजरे को खोले या तोड़े बिना ही शेर को पिंजरे से बाहर निकालना है।
प्रश्न (ख) - पिंजरे के शेर के चारों ओर आग लगती देख सभा में सन्नाटा क्यों छा गया?
उत्तर - पिंजरे के शेर के चारों तरफ आग लगती देखकर सभा में सन्नाटा इसलिए छा गया क्योंकि सभी लोग किशोर द्वारा पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने की युक्ति को बड़े ध्यान से देख रहे थे और शेर के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे।
प्रश्न (ग) - चंद्रगुप्त ने पिंजरे के शेर को बाहर कैसे निकाला?
उत्तर - सबसे पहले चंद्रगुप्त ने पिंजरे को पानी में डुबाया। फिर उसने पिंजरे के चारों तरफ आग लगवा दी। सीसे से बनी शेर की मूर्ति धीरे-धीरे पिघलने लगी और वह पिघल कर धरती पर फैल गयी। इस तरह पिंजरे को खोले और तोड़े बिना ही चंद्रगुप्त ने शेर को पिंजरे से निकाला।