पाठ – 7 नवयुवकों के प्रति ( कविता )
1). प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :-
1. इस कविता के कवि का नाम लिखें |
1. उत्तर: इस के कवि का नाम मैथिलीशरण गुप्त हैl
2. यह कविता किन्हें संबोधित की गई है ?
2. उत्तर: यह कविता नवयुवकों को संबोधित की गई हैl
3. ' जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो
|' इस काव्य पंक्ति का अर्थ लिखें |
3. उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है कि इस देश के नव युवकों, तुम जो भी शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करते हो उसका प्रयोग अपने व्यवहारिक जीवन में भी करोl
4. नवयुवकों के सम्मुख कौन - से दो पथ हैं ? उन्हें किस पथ का चुनाव करना चाहिए ?
4. उत्तर: नवयुवकों के सम्मुख असंयम और संयम नाम के दो पथ हैl उन्हें जीवन में केवल संयम का चुनाव करना चाहिएl
5. इन काव्य - पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें :-
दो पथ असंयम --------------- हम सभलोगों कभी |
5. उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत काव्य पंक्तियां आठवीं कक्षा की हिंदी पुस्तक में संकलित प्रसिद्ध कवि 'श्री मैथिलीशरण गुप्त' की कविता 'नवयुवकों के प्रति' में से ली गई हैl जिसमें कवि ने देश के नवयुवकों को शुभ कर्म के लिए प्रेरित किया हैl
व्याख्या: कवि देश के नव युवकों को कहता है कि जीवन में तुम्हारे सामने दो रास्ते हैं एक अशुभ और दूसरा शुभ l तुम्हारा मन तुम्हें अशुभ की ओर झुकायगाl तुम अशुभ पथ की और भागोगेl अगर तुमने उचित समय पर शुभ पद का चुनाव कर लिया तो तुम अपने जीवन को संभाल पाओगेl अगर तुम उचित समय पर नही संभले तो जीवन में कभी संभल नहीं पाओगेl